और इतना सब होने के बाद भी मैं चुप क्यों था ? इस बात का क्षोभ मुझे आज भी है। और इतना सब होने के बाद भी मैं चुप क्यों था ? इस बात का क्षोभ मुझे आज भी है।
मंझे में फंसे किसी कबूतर की तरह हो गई है, बस फड़फड़ा के रह जाती है। मंझे में फंसे किसी कबूतर की तरह हो गई है, बस फड़फड़ा के रह जाती है।
और तुम्हारी कहानी का वो गुम तन्हा किरदार,.. मैं हूं और तुम्हारी कहानी का वो गुम तन्हा किरदार,.. मैं हूं
अब तो हमारी भागदौड़ भरी ज़िंदगी.. हमारे ही बच्चों की ज़िन्दगी से प्यार भरा एक एक कौर छी अब तो हमारी भागदौड़ भरी ज़िंदगी.. हमारे ही बच्चों की ज़िन्दगी से प्यार भरा एक एक...
उनकी लिखी कहानियाँ उनकी प्रसिद्धि का एक वसीयतनामा हैं। उनकी लिखी कहानियाँ उनकी प्रसिद्धि का एक वसीयतनामा हैं।
सम्पूर्ण घटना सत्य है । सिर्फ पात्र का नाम परिवर्तित कर दिया हूं । सम्पूर्ण घटना सत्य है । सिर्फ पात्र का नाम परिवर्तित कर दिया हूं ।